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एकलिंगनाथजी के 77वें दीवान होंगे विश्वराज सिंह। परंपरा के अनुसार राजगद्दी पर बैठाने (राजतिलक) का दस्तूर कार्यक्रम 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ में आयोजित होगा।

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विश्वराज सिंह मेवाड़ इस गद्दी पर बैठने वाले एकलिंगनाथजी के 77वें दीवान होंगे विश्वराज सिंह। परंपरा के अनुसार राजगद्दी पर बैठाने (राजतिलक) का दस्तूर कार्यक्रम 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ में आयोजित होगा। चित्तौड़गढ़ में करीब 493 साल बाद राजतिलक का कार्यक्रम होगा। इससे पहले आखिरी बार 1531 में राणा विक्रमादित्य का यहां राजतिलक हुआ था।विश्वराज सिंह अपने पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के उत्तराधिकारी हैं , जिन्होंने लगभग 40 वर्षों तक महाराणा की उपाधि धारण की थी। महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद 19 नवंबर 1984 को महेंद्र सिंह का राज्याभिषेक हुआ।
राजतिलक समारोह में, पूर्व राजघरानों के सदस्य होंगे शामिल भीलवाड़ा / उदयपुर / उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद, अब उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ को वंश परंपरा के अनुसार राजगद्दी पर बिराजने का ऐतिहासिक कार्यक्रम 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध फतह प्रकाश महल में आयोजित होगा। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होगा, जिसमें देशभर के पूर्व राजघरानों के सदस्य, रिश्तेदार, और गणमान्य नागरिकों के अलावा बड़ी संख्या में आमजन भी शामिल होंगे।
महल में होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन की खास बातें:-
समारोह के दौरान, पहले कुल देवता के धोक लगाने के बाद, विश्वराज सिंह मेवाड़ एकलिंगजी के दर्शन करेंगे। मेवाड़ जन उदयपुर संस्था के संयोजक कंवर प्रताप सिंह झाला तलावदा ने बताया कि कार्यक्रम के दिन विशेष रूप से राजगद्दी पर बिराजने का मुहूर्त निर्धारित किया गया है, जो 21नवंबर को समाप्त होने वाली एक रि या के बाद 25 नवंबर को होगा। यह कार्य
क्रम चित्तौड़गढ़ में रखा गया है ताकि वहां से सात जिलों के लोग आसानी से पहुंच सकें।
कार्यक्रम के बाद, विश्वराज सिंह मेवाड़ उदयपुर लौटकर अपने कुल देवताओं का दर्शन करेंगे और फिर एकलिंगजी मंदिर में शोक भंग कराएंगे। इसके बाद, वे सफेद पाग की जगह रंगीन पाग पहन सकेंगे, जो उनके नए कार्यकाल की शुरुआत का प्रतीक होगा।

महेंद्र सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार और परिवार की विरासत:-
पूर्व राजपरिवार के प्रमुख महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन 10 नवंबर को हुआ था, और उनका अंतिम संस्कार 11 नवंबर को आयड़ स्थित महासतियां में किया गया था। उनके निधन के बाद अब उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए राजगद्दी पर विराजने का यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
विश्वराज सिंह मेवाड़ : एक परिचय:-
विश्वराज सिंह मेवाड़, जो वर्तमान में नाथद्वारा से विधायक हैं, सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से अर्थशास्त्र में बीए पास हैं। उनकी पत्नी महिमा कुमारी मेवाड़ राजसमंद से सांसद हैं। विश्वराज सिंह मेवाड़ को उनके पारंपरिक मेवाड़ी पहनावे, पगड़ी और तलवार के साथ आमतौर पर देखा जाता है। उनका यह रूप आज भी मेवाड़ी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखता है।25 नवंबर को विश्वराज सिंह मेवाड़ का राज्याभिषेक न केवल सदियों पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करेगा बल्कि चित्तौड़गढ़ किले के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की भी पुष्टि करेगा। इस स्मारकीय आयोजन के स्थल के रूप में, किला एक बार फिर मेवाड़ की वीरता, नेतृत्व और अपने लोगों के प्रति समर्पण की स्थायी विरासत का प्रमाण बन जाएगा।

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Author: shiningmarwar

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